इंद्राणी यंत्र यानी तरक्की का पिरामिड

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तरक्की करना सभी का सपना होता है और इस सपने को पूरा करने के लिए मानव दिन रात एक कर मेहनत करता है। फिर भी व्यापार या व्यवसाय में हानि का मुँह देखना पड़ता है, तो तनाव घेर लेता है। वास्तु यंत्रों में वर्णित इंद्राणी यंत्र पिरामिड के प्रयोग से व्यवसाय में हानि से बचा जा सकता है।

क्या आप नहीं चाहेंगे कि लक्ष्मी जी स्वयं आकर आपके घर का दरवाजा खटखटाएं ? जरूर चाहेंगे! और इसके लिए आप अनेकों प्रत्यन भी करते ही होंगे। आप यंत्र, मंत्र, तंत्र आदि का प्रयोग करेंगे और लक्ष्मी को प्रसन्न करने की हर संभव कोशिश करेंगे।

यंत्र, मंत्र, तंत्र आदि में बहुत से ऐसे प्रयोग हैं, जो लक्ष्मी मां को प्रसन्न करने में खासे कारगर होते हैं। जिन्हें अपनाकर लक्ष्मी को प्रसन्न करने के साथ ही साथ अपने घर पर निवास करने के लिए भी बुलाया जा सकता है।

इन्हीं में से प्रमुख है पिरामिड। पिरामिड से सभी अच्छी तरह अवगत होते हैं। इसका उद्भव मिश्र से माना जाता है। पिरामिड में ऊर्जा का संचार होता है। वहां निश्चित रूप से लक्ष्मी का भी वास होता है।

विभिन्न प्रकार के पिरामिड का प्रयोग करके जीवन में सभी सुखों को प्राप्त किया जा सकता है। नीचे ऐसे ही प्रभावशाली और चमत्कारी परिणाम देने वाले पिरामिड की चर्चा की जा रही है, जो आपके जीवन को सुख समृद्धि से परिपूर्ण कर देगा साथ ही व्यापार में आने वाले सभी रुकावटों को भी दूर करेगा।

व्यापार वर्धक इंद्राणी यंत्र पिरामिड

वास्तु शास्त्र के क्षेत्र में इंद्राणी एक जाना-पहचाना नाम है। इंद्राणी यंत्र एक सुरक्षा कवच है। यह वीसा यंत्र का ही मानवीकरण है। कहा जाता है कि जिसके पास वीसा होता है उसका जगदीशा भी कुछ नहीं कर सकता। यदि व्यवसाय में निरंतर हानि हो, कई यत्न आप कर चुके हों ऐसा कोई भी उपाय ना हो जिसे आपने प्रयोग ना किया हो।, लेकिन फिर भी व्यापारिक हानि रुक न रही हो, निरंतर व्यवसाय का हास् हो रहा हो, तो निश्चित रूप से हमें व्यापार वर्धक इन्द्राणी यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। यह पिरामिड प्रयोग करने के तुरंत बाद से ही प्रभाव दिखाने लगता है। इस यंत्र का पिरामिड का निर्माण इसी उद्देश्य से किया गया है कि वास्तु दोष और अन्य कारणों से व्यापार, व्यवसाय में निरंतर गिरावटों को रोका जा सके। इस यन्त्र पिरामिड के प्रभाव से व्यापार और व्यवसाय में दिन दुगनी और रात चौगुनी तरक्की संभव होती है। और आप निरंतर सफलता की राह पर अग्रसर होने लगते हैं। आय में वृद्धि होती है और निरंतर सफलता के पथ पर बढ़ते चले जाते है।

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